यूँ ही पहलू में बैठे रहो

Oct 16, 2015, 02:33 PM

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पिछले दिनों मलकाए ग़ज़ल फ़रीदा ख़ानम ने कोक स्टूडियो के लिए, तीन दशक बाद अपना सिग्नेचर गीत, ‘आज जाने की ज़िद न करो’ गाया तो लोग मंत्रमुग्ध रह गए. यूँ तो इस गीत को भारत और पाकिस्तान के कई कलाकारों ने गाया है, लेकिन फ़रीदा ख़ानम ने फ़ैयाज़ हाशमी की इस रचना को जिस बुलंदी तक पहुंचाया है, उतना शायद किसी ने भी नहीं. आज की विवेचना में रेहान फ़ज़ल नज़र दौड़ा रहे हैं फ़ैयाज़ हाशमी और फ़रीदा ख़ानम की इस कालजयी कृति पर