पित्रोदा का भारत को जोड़ने का सफर
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1964 में उड़ीसा के तीतलागढ़ गाँव का एक यवक जब अमरीका जाने वाले पानी के जहाज़ पर बैठा तो उसके पास सपनों और कुछ कर दिखाने की इच्छा को अलावा कुछ नहीं था. दस सालों में दूरसंचार के क्षेत्र में उसने न सिर्फ़ अमरीका बल्कि दूरी दुनिया में बहुत नाम कमाया. इस शक्स का मान था सैम पित्रोडा, जिसे भारत में संचार क्रांति का जनक कहा जाता है. हाल ही में उनकी आत्मकथा प्रकाशित हुई है माई जर्नी टू कनेक्ट इंडिया. सैम पित्रोडा के इस सफ़र पर नज़र डालरहे हैं रेहान फ़ज़ल आज की विवेचना में