'भरोसा था कि बेटा कुछ बड़ा करेगा'
Feb 07, 2016, 05:33 AM
बिहार के खगड़िया जिले में वेल्डिंग की एक छोटी सी दुकान चलाते हैं चंद्रकांत सिंह चौहान. उनके बेटे वात्सल्य ने 10वीं तक की पढ़ाई गाँव से ही की. लेकिन वे गाँव के स्कूल की पढ़ाई से संतुष्ट नहीं थे और इंजीनियरिंग करना चाहते थे. इसके लिए उन्होंने कोटा का रुख़ किया और वहां से पहुंचे आईआईटी खड़गपुर. वात्सल्य सिंह को क़रीब एक करोड़ 20 लाख रुपए के सालाना पैकेज पर नौकरी मिली है.
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