Kabira kabse bhaya bairagi

Jan 28, 2017, 08:17 AM

‘‘कबिरा कबसे भया बैरागी’’ – सांसारिक से लेकर स्वर्ग तक के प्रलोभनों तथा उन वस्तुओं में आसक्ति का भान न हो तभी सच्चा वैराग्य है | संस्कारों के उन्मूलन तथा प्रभु की प्राप्ति ही योग की पूर्णता है |

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