Sasurase gauna ulat chala re

Jan 28, 2017, 12:52 PM

‘‘ससुरा से गवना उलटि चल्यो नैहरवाँ’’- संसार में पड़ा जीव परमात्मा में लव लगाकर अपने स्वरूप नैहर (उद्गम) की ओर चला गया। दृष्टांतों के द्वारा संत कबीर ने जीवात्मा और परमात्मा के मिलन का चित्रण किया है।

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