Ghungat ke pat khol
Jan 28, 2017, 01:14 PM
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‘‘घूँघट के पट खोल’’- अंतःकरण के छल-कपट को घूँघट की संज्ञा दी गयी है। कपट का आवरण दूर करते ही प्रियतम परमात्मा के मिलन का विधान है। भक्ति का दीप जला कर आसन को अचल कर लें, आपके प्रियतम मिलेंगे।
#Kabir #Mira #Sadhguru