मशहूर साहित्यकार यशपाल की जिंदगी का सफर और उनकी एक चर्चित कहानी
Share
Subscribe
यशपाल देश के उन चुनिंदा यशस्वी साहित्यकारों में गिने जाते हैं, जिन्होंने बंदूक से क्रांति की आवाज बुलंद करने के साथ-साथ कलम चलाकर भी समाज को झकझोरा. 26 दिसंबर को यशपाल की पुण्यतिथि है. इसी बहाने उनके जीवन और कृतियों पर डालते हैं एक नजर.
यशपाल का जन्म 3 दिसंबर, 1903 को पंजाब के फिरोजपुर छावनी में हुआ था. छात्र जीवन में ही उनके मन में अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ चिंगारी भड़क चुकी थी. लाहौर में नेशनल कॉलेज में वे भगतसिंह, सुखदेव और भगवतीचरण बोहरा के संपर्क में आए और 'नौजवान भारत सभा' से जुड़े. उन्होंने कथा-कहानियों, उपन्यास, व्यंग्य, संस्मरण आदि के जरिए समाज की हकीकत और मानव मन की परतों को सामने लाने की भरपूर कोशिश की. इनका उपन्यास 'झूठा-सच' बेहद चर्चित रहा है, जिसमें देश के विभाजन की त्रासदी की जीवंत तस्वीर खींची गई है. हम सुनवा रहे हैं उनकी मशहूर कहानी- अखबार में नाम.