Sahir Ludhianvi | अलग नजर का शायर

Mar 08, 2018, 09:04 AM

 8 मार्च 1921 को लुधियाना में जन्मे साहिर की कलम कूची बनकर मुहब्बत के कैनवास पर न जाने कितने गुलों में खुशबू भर गई. न जाने क्यों साहिर के गीत जब होठों पर आते हैं तो वो अचानक 'फिल्मी' से कहीं ज्यादा हो जाते हैं. जैसे कोई अपनी बात भी कह दे और 'लिटरेचर' की लाज भी रख ले. साहिर के पास एक नजर थी. और वो नजर जहां-जहां पड़ी, देखने वालों का नजरिया बदल गया. पेशे-नजर हैं ऐसी ही कुछ बानगियां--