दंगों के इस दौर में आपको भावुक कर देगी इन दो पिताओं की कहानी

Episode 23,   Apr 02, 2018, 11:20 AM

दो शहर, दो तारीख मगर दर्द एक सा. दोनों जगह दो परिवारों ने जवान बेटा खोया. जिस संतान को पाल पोसकर बड़ा किया हो उसकी हत्या कर दी जाए, तो जिंदगी कितनी मुश्किल हो जाती है इसका अंदाजा वही लगा सकते हैं, जिनके साथ ऐसा हुआ हो. हम तो बस सोच सकते हैं और अपनी-अपनी संवेदना शक्ति के हिसाब से उनकी पीड़ा महसूस करने की कोशिश कर सकते हैं. लेकिन इस कोशिश में अंतर उतना ही होगा जितना अंतर किसी काल्पना और वास्तविकता में होता है.