आपरेशन ब्लू स्टार का सच
Jun 08, 2018, 10:18 AM
Share
Subscribe
जब सुबह होने लगी और अकाल तख़्त में मौजूद लोगों ने हार नहीं मानी तो सेना को हुक़्म दिया गया कि टैंक के सेकेंड्री आर्मामेंट से अकाल तख़्त के ऊपर वाले हिस्से पर फ़ायर किया जाए, ताकि ऊपर से गिरने वाले पत्थरों से लोग डर जाएं और बाहर निकल आएं. इसके बाद तो अकाल तख़्त के लक्ष्य को किसी और सैनिक लक्ष्य की तरह ही माना गया. सुनिए 6 जून, 1984 को स्वर्ण मंदिर में क्या क्या हुआ था, रेहान फ़ज़ल की ज़ुबानी