मंटो की जिंदगी के अनसुने किस्से

Episode 70,   Sep 21, 2018, 09:07 AM

सआदत हसन अली 'मंटो' ने एक बार खुद के बारे में कहा था, "ऐसा होना मुमकिन है कि सआदत हसन मर जाए और मंटो जिंदा रहे." और इत्तेफाक देखिए कि ऐसा हो गया. मंटों की हजारों छवियां हैं. सकीना की खुली सलवार के जरिए हमारी तहजीब की धज्जियां उड़ा मंटों जो बड़ी अकड़ के साथ कहता था, "मैं सोसाइटी की चोली क्या उतारूंगा, जो है ही नंगी. मैं उसे कपड़े पहनाने की कोशिश नहीं करता, क्योंकि यह मेरा काम नहीं, दर्जियों का काम है.” या फिर टोबा टेक सिंह की तरह नो मैंस लैंड पर खड़ा होकर बदहवासी की हालत में विभाजन के कत्ल-ओ-गारत को देखता मंटो.