उन्मुक्तता और बेबाकी की मिसाल थीं कमला दास

Mar 31, 2017, 02:40 PM

1976 में अंग्रेज़ी और मलयालम की कवयित्री कमला दास की बेबाक आत्मकथा ‘ माय स्टोरी ’ प्रकाशित हुई थी जिसमें उन्होंने ऊपरी तौर से संपन्न सुखी गृहस्थ स्त्री की यौन कामनाओं का सामाजिक वर्जनाओं से टकराव और वैवाहिक जीवन की भीतरी दरारों का बेबाक चित्रण किया था. इस रचना ने भारतीय साहित्य की दुनिया में तहलका मचा दिया था. 1984 में कमला दास को साहित्य के नोबेल पुरस्कार के लिए शॉर्ट लिस्ट भी किया गया था. उनकी 83वीं जयंती पर कमला दास को याद कर रहे हैं रेहान फ़ज़ल विवेचना में