ख़तरों की ज़िंदगी थी फूलन देवी की

Aug 11, 2017, 11:57 AM

बहुत कम लोग ऐसे हैं जो चंबल के बीहड़ों से अपने करियर की शुरुआत कर संसद तक का सफ़र तय करते हैं. फूलन देवी उनमें से एक थीं. 1981 में उनके गिरोह ने बेहमई में 22 लोगों को गोली से उड़ा दिया था. हाँलाकि बाद में उन्होंने इंकार किया था कि इस हत्याकांड में उनका हाथ था. फूलन देवी की 54 वी वर्षगाँठ पर उनकी आपाधापी भरी ज़िंदगी के कुछ पहलुओं पर नज़र डाल रहे हैं रेहान फ़ज़ल विवेचना में