राहुल गांधी का नया फार्मूला; 'काम करो तो रहेगा पद, वरना होगी छुट्टी'

Episode 1,   Jul 12, 2018, 11:10 AM

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा पार्टी एवं संगठन की मजबूती के लिए लोकसभा चुनाव 2019 से पहले निरंतर प्रयोग जारी है। इसी कड़ी में राहुल गांधी अब कॉरपोरेट की तर्ज पर पार्टी पदाधिकारियों को भी वॉच करेंगे। इसके लिए राहुल ने रिपोर्ट तलब करने का फार्मूला अपनाया है, जिसे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के पार्टी में बड़े बदलाव लाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। इसलिए लगातार नई परंपरा की शुरुआत करने में लगे हैं। कॉरपोरेट की तर्ज पर पार्टी पदाधिकारियों से हर महीने उनके कामकाज की रिपोर्ट कार्ड जमा कराने का निर्देश दे दिया गया है। सूत्रों की मानें तो पार्टी के संगठन महासचिव अशोक गहलोत ने पार्टी के सभी सचिवों खासकर युवा सचिवों और पदाधिकारियों से अपने दौरों एवं कार्यों का लेखा-जोखा मांगा है, जिनको राहुल गांधी ने नियुक्त किया है। सूत्रों का कहना है कि एक बार पद पा जाने के बाद नेताओं की प्रवृत्ति लंबे समय तक कांग्रेस दफ्तर में जमे रहने की होती है, जिसे अब पार्टी का शीर्ष स्तर बदलना चाह रहा है। जाहिर है कांग्रेस अध्यक्ष का नया फॉर्मूला है कि काम करो वरना पद छोड़ो। इसके लिए हर महीने की 10 तारीख तक पिछले महीने के काम का विवरण संगठन महासचिव अशोक गहलोत को देना होगा। इसके बाद यह रिपोर्ट राहुल गांधी के दफ्तर भेजी जाएगी। रिपोर्ट में नेताओं के लिए यह बताना जरुरी होगा कि एक महीने में उन्होंने कितने दौरे किए और कितने दिन दिल्ली से बाहर दौरे पर रहे। साथ ही इन अधिकारियों को इस रिपोर्ट में यह जानकारी भी देनी होगी कि उन्होंने बीते महीने में कितनी बैठकों एवं प्रदर्शन-धरना मेे हिस्सा लिया है। इसके अतिरिक्त उन्हें इस बात की भी जानकारी देनी होगी कि युवाओं को पार्टी की गतिविधियों में शामिल करने के लिए उनके द्वारा क्या और किस प्रकार की कवायद की गई है। फिलहाल यह विस्तृत रिपोर्ट नेता को खुद ही लिखकर देनी होती है, लेकिन अगले कुछ दिनों में पार्टी की तरफ से एक प्रोफार्मा भी बनाया जाएगा, जिसे पदाधिकारियों को भरकर देना होगा। दरअसल, पार्टी के शीर्ष स्तर की ओर से यह कवायद इसलिए शुरू की गई है, ताकि पार्टी में पद पाने वालों की जवाबदेही तय की जा सके। ऐसे में जाहिर है कि पार्टी में पद पा लेने के बाद मठाधीश बनकर काम करवाने के बजाय पदाधिकारियों को भी अपनी जिम्मेदारी के प्रति सक्रियता से कार्य करना होगा। और अगर कोई पदाधिकारी ऐसा करने में असमर्थ होता है तो फिर उसकी पार्टी से उसकी छुट्टी भी हो सकती है।