करण थापर जिन्होंने की कई नेताओं की बोलती बंद
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एक समय ऐसा भी आया जब जयललिता ने कहा कि मुझे अफ़सोस है कि मैं इस इंटरव्यू के लिए तैयार ही क्यों हुई ? इंटरव्यू ख़त्म होने पर मैंने उनकी तरफ़ अपना हाथ बढ़ा कर कहा, ‘चीफ़ मिनिस्टर आपसे बात कर बहुत अच्छा लगा.’ जयललिता ने उनकी तरफ़ घूर कर जवाब दिया,’ आपने बात कर मुझे बिल्कुल भी खुशी नहीं हुई, नमस्ते.’ उन्होंने माइक निकाल कर मेज़ पर पटका और कमरे के बाहर चली गईं. करन थापर की आत्मकथा ‘डेविल्स एडवोकेट- द अनटोल्ड स्टोरी’ पर सुनिया रेहान फ़ज़ल की विवेचना बीबीसी हिंदी रेडियो पर शाम साढ़े सात बजे